Wednesday, June 10, 2009

जाने क्या?

एक ख़ता ऐसी हो गयी,
जाने क्या बात हो गयी?
हम मुङ मुङ के देखा करते थे उनको,
और चाहत थी की हो फासले कुछ कम,
मह्फूस रखा था दिल में प्यार,
और मुस्कुरा कर ही रखा था हर कदम,
जाने क्या बात हो गयी?
मुङ के देखा तो मिले न सनम,
रहेगा हर पल इस बात का गम,
फासले बढ़ते ही गए, दरमियाँ हुए न कम,
एक खता ऐसी हो गयी,
जाने क्या बात हो गयी?

1 comment:

  1. jane kya baat ho gayi ?
    kyun tu aaj ghamsaaz ho gayi

    jane kya baat ho gayi ?
    kyun teri aankhein hasi se naaraz ho gayi
    aaj bhale hi ho bezaar teri duniyaa us faasle se
    waqt rukta nahi kahin tham kar

    bhool kyun tu ye ek chhoti si baat gayi?

    ANKIT

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